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अभिषेक बच्चन का डबिंग में संक्रमण क्या बताता है

डबिंग  की प्रक्रिया में कोराना फैलने के कई साधन बनते है. सबसे ज्यादा शक माइक पर होता है. एक स्टार की डबिंग के पहले कोई  माइक टेस्ट करने तो जरुर आता होगा .आप लोगों ने गेस्ट हाउस वाला जोक तो सुना होगा . एक मंत्रीजी को एक गेस्ट हाउस में रुकना था . जिस सुइट में रुकना था उसके टॉयलेट का फ्लश चलाकर खुद केयर टेकर ने चेक किया . फ्लश ठीक था. फिर SDO आया उसने पूछा सबकुछ ठीक है? केयर टेकर ने कहा यस सर ! SDO अन्दर गया और अपनी तसल्ली के लिए फ्लश चलाकर देखा . ठीक पाया . संतुष्ट हुआ. फिर Executive Engineer  खुद  आया .सुइट के दरवाजे बंद करके देखा . काल बेल बजाकर देखा . TV के चैनेल्स चेक किये . अंत में फ्लश भी चलाकर देखा .नेताजी के आने के ठीक पहले  उनकी पार्टी के विधायक आए . नेताजी के करीबी थे .सुइट में   जाकर नेताजी   के मनपसंद फल रखवाए . पान की व्यवस्था देखी . नहाने की चौकी और सरसों  का तेल तक देखा . अंत में तसल्ली के लिए फ्लश भी चला कर देख लिया . सबकुछ ठीक था . नेताजी का  आगमन हुआ . स्वागत ,चाय पानी और मेल मिलाप के बाद नेताजी अपने कमरे में आए . हाथ मुंह धोया . थोडा पेट भारी लग रहा था. थोडा टहले फिर ट

सन्डे से फ्राइडे मार्केट छोड़ो -कोरोना की चेन तोड़ो

कोरोना तभी फैलता है जब संक्रमित व्यक्ति संक्रमण के बाद अपने संक्रमण से अनजान होकर बाहर घूमता है. ये काम वो लगभग 7 दिनों तक, करता है क्योकि उसके बाद उसके   लक्षण आते हैं, उसका टेस्ट होता है और वो    खुद अस्पताल पहुँच जाता है . अब अगर हर व्यक्ति, जिसे मालूम नहीं है कि   वो संक्रमित है या नहीं ,   सख्ती से लागू किये गए लॉक डाउन में   या आत्म - अनुशासन से   लगातार 7 दिनों तक भीड़ भाड़ से दूर रहे, तो वो अगर संक्रमित है भी तो दूसरों को संक्रमित करने के पहले खुद अस्पताल पहुँच जाएगा और कोरोना की चेन टूट जाएगी. ·          ये सुनने में आसान है ·          सोचने से कठिन है और ·          करने से संभव है . सरकार के   लॉक डाउन की बात नहीं करके , आइये हम बात करते हैं कि हम क्या ऐसा करें कि हफ्ते में एक बार से ज्यादा बाजार जाना ही न पड़े . लोग आदतन रोज बाज़ार जाते हैं और रोज   कुछ खरीद कर अपने बाजार जाने का औचित्य साबित करते हैं. पर अगर आप रोज रोज बाज़ार न जाकर हफ्ते में सिर्फ एक दिन बाज़ार जाएँ तो भी काम चल सकता है. दूध, सब्जी और पेपर लेन हरगिज न जाएँ. घर पहुचानेवाले हॉकर   से लें, ये अकेले