3.अगर बिल्डर ये पेपर्स न दिखा पाए तो निर्माणाधीन घर हरगिज न बुक करें

आप जब  कोंई फ्लैट खरीदने किसी बिल्डर के पास जाते हैं और   बिल्डर से ये  पूछते हैं कि क्या  उसके पास सभी पेपर्स ठीक- ठाक  हैं, तो वो आपको ऑथोरिटी से  स्वीकृत नक्शा दिखाता है . वो कहता है कि अगर बाकी  सारे  कागज सही नहीं होते तो  नक्शा पास ही नहीं होता  क्योकि ऑथोरिटी वाले सबकुछ चेक करते है.

वो कह तो सही रहा है .पर आप को यह समझना होगा कि सबकुछ चेक करना और सबकुछ सही होने की गारंटी देना और कुछ गलत होने पर उससे होने वाले नुक्सान की भरपाई करना, ये तीनो चीजें अलग-अलग  हैं .

अगर आपने आज फ्लैट खरीदा और २ साल बाद   आपके फ्लैट के जमीन के मालिकाना हक को लेकर कोई विवाद हो गया तो आपके नुकसान  की जिम्मेदारी न बिल्डर लेगा न अथारिटी . सब लोग यही बोलेंगे कि मामला कोर्ट में है . जो निर्णय होगा वैसा करेंगे .

इसलिए आपको सबकुछ चेक करना है अपनी सुरक्षा के लिए .

इस ‘सबकुछ में’ क्या-क्या आता है  ? हम अपनी इस पुस्तक में एक-एक करके सब बताएंगे . जमीन के म्यूटेशन  से लेकर सी सी तक .

फिलहाल ,इस तीसरे अध्याय में हम जमीन वाली  चर्चा  नहीं कर रहे . जमीन का विषय  काफी बड़ा है ,उसके लिए आगे के खण्डों में अलग अध्याय होगा .

अभी की हमारी चर्चा सिर्फ उन फ्लैट्स के लिए है जिनका निर्माण  कार्य अभी चल रहा है और आप उसे इसी स्टेज में बुक करने को इच्छुक हैं. इस स्टेज में अपेक्षाकृत कम चीजों की जरूरत पड़ती है . आगे के अध्याय में हम ये   भी अलग से बताएंगे कि एक रेडी -टू- मूव फ्लैट को बुक करने के पहले क्या क्या पेपर्स चेक करने पड़ेंगे .

हम  उन अनुमतियों के बारे में  बातें  करेंगे जो आपके बिल्डर को विभिन्न सक्षम अधिकारियों  से लेनी होती हैं. कई बार बिल्डर आपको ऐसे अधिकारी का हस्ताक्षर किया हुआ आदेश दिखा देता  है , जिसे वो आदेश देने का पॉवर ही नहीं होता . . आपको हम सभी आवश्यक अनुमतियों और उन अनुमतियों को देने के लिए सक्षम अधिकारियों का पता बताएंगे .

साथ ही नमूने के तौर पर एक वास्तविक जारी  प्रोजेक्ट का वेरिफिकेशन भी कर के दिखाएंगे . वेरिफिकेशन का आधार होगा ,(१)बिल्डर द्वारा रेरा के पोर्टल पर अपलोड किये गए दस्तावेज ,जिन्हें आम आदमी इंटरनेट पर देख सकता है और (२) सरकारी पोर्टल पर उपलब्ध जानकारियाँ जिन्हें आम आदमी इंटरनेट पर  देख सकता है , इन दोनों का आपस में मिलान . 

आइये शुरू करते हैं :

निर्माण परियोजना को आरम्भ करने के लिए , आपके बिल्डर को निम्नलिखित अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता है (फ्लैट खरीद दार के रूप में आप का  काम इन स्वीकृतियों की प्रतिलिपि की मांग करना है)

1.  भूमि विकास योजना  की  मंजूरी

( Approval of Land Development Plan )

किसी जमीन पर मकान बनाने के पहले उस जमीन को सही लेवल यानि सतह से ऊँचाई , सही स्लोप यानि ढाल  और उपयुक्त रास्ता दिया जाता है .इस कार्य की अनुमति घर बनाने की अनुमति  से पहले ली  जाती है और इसका भी नक्शा पास होता है. अगर किसी बिल्डर ने  ये अनुमति नहीं ली और काम शुरू कर दिया तो  उसका काम  सरकार द्वारा रोका जा सकता है.

 एक बिल्डर को परियोजना शुरू करने के लिए भूमि के विकास के लिए यह  अनुमति लेने के लिए अन्य चीजों के साथ, निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे (यदि वह आपको ये दस्तावेज देता है, जो उसने इस अनुमोदन को प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत किया था तो आप  और भी कई चीजों की जांच  कर सकते हैं)

) ले-आउट प्लान (आप कागज पर स्वीकृत विकास कार्य से स्थल  पर किए गए वास्तविक विकास कार्य की तुलना कर सकते हैं).

ख) स्वामित्व दस्तावेज (आप सत्यापित कर सकते हैं कि क्या वह इस भूमि को विकसित करने के लिए अधिकृत भूमि स्वामी थे )।

ग) भूमि के शांतिपूर्ण कब्जे के लिए शपथ पत्र।

घ ) संरचनात्मक स्थिरता के लिए प्रमाण पत्र।

च) लीज होल्ड के मामले में पट्टेदार से एनओसी।

छ) एयरपोर्ट अथॉरिटी (यदि लागू हो), फायर अथॉरिटी (यदि लागू हो), पर्यावरण मंजूरी (यदि लागू हो) से एनओसी।

एयरपोर्ट अथॉरिटी से एनओसी  कब जरूरी है --

BBL 2014 क्लॉज 39 के अनुसार, 52 मीटर से अधिक ऊंचे किसी भी टॉवर, एंटीना आदि को खड़ा करने के लिए यह एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) आवश्यक है।

रनवे के एप्रोच फ़नल के भीतर की इमारतों के लिए, एयरपोर्ट अथॉरिटी से एनओसी प्राप्त होने के बाद ही ऊँचाई को निर्धारित सीमा से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। उदहारण स्वरुप रनवे के अंत से 1 किमी पर एक इमारत के लिए, ऊंचाई की सीमा 18 मीटर और 1.5 मीटर की दूरी के लिए 27 मीटर है।अलग अलग दूरियों के लिए निर्धारित ऊँचाइयों के लिए इसमे एक चार्ट दिया हुआ है .

अग्निशमन विभाग से एनओसी  कब जरूरी है --

बिहार बिल्डिंग बाई लाज BBL 2014 क्लॉज 6 (v) के अनुसार, यह एनओसी किसी भी इमारत के लिए आवश्यक है जिसकी ऊंचाई 15 मीटर से अधिक हो या 500 वर्गमीटर से अधिक ग्राउंड कवरेज हो।

 यह विशेष मामलों जैसे पेट्रोल पंप, गैस गोदाम आदि के लिए भी आवश्यक है।

पर्यावरणीय मंजूरी कब जरूरी है --

बिहार बिल्डिंग बाई लाज बीबीएल 2014 खंड 6 (iv) के अनुसार,

20000 वर्गमीटर से अधिक की  भवन परियोजनाओं के लिए यह मंजूरी आवश्यक है।अतः भले ही आप 1000 वर्ग फुट का फ्लैट ले रहे हों अगर आपके प्रोजेक्ट का आकार बड़ा है तो ये मंजूरी आपके बिल्डर को  लेनी  ही पड़ेगी .

 मैं यह उल्लेख करना चाहूंगा कि "किसी भी मंजूरी  की वैधता केवल दी गयी  अवधि के लिए , सामान्यतः , 3 वर्ष के लिए ही होती है  है (यह अवधि बिल्डर द्वारा आवेदन करते समय तय की जाती है   यदि वह अवधि समाप्त हो गई है, तो उसे नए सिरे से स्वीकृति लेनी होगी।

 मैं यह भी बताना  चाहूंगा कि अनुमोदन का अर्थ है “सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन। तो आपको पता होना चाहिए कि कौन सी स्वीकृति देने के लिए कौन सा प्राधिकारी सक्षम है। आपका सक्षम प्राधिकारी संबंधित ULB = शहरी स्थानीय निकाय है। यह आपके फ्लैट के स्थान पर निर्भर करता है। तालिका देखें: 

 

क्षेत्र का प्रकार 

ULB = शहरी स्थानीय निकाय

1

महानगरीय क्षेत्र

जैसे पटना महानगर क्षेत्र

महानगर क्षेत्र प्राधिकरण 

जैसे, पटना महानगर विकास प्राधिकार PRDA

 

2

बड़ा शहर  :

 

नगर निगम= महानगरपालिका

जैसे, मुजफ्फरपुर नगर निगम

 

 

3

छोटा शहर

नगर पालिका = नगर परिषद (NAGAR PARISHAD = NAGARPALIKA) 

जैसे, हाजीपुर नगर परिषद

 

4

कस्बा 

 

नगर पंचायत

 जैसे, बोधगया नगर पंचायत 

 

एक बात से सावधान रहने की जरूरत है .कभी-कभी जब कोई परियोजना उस क्षेत्र के दायरे में आ रही होती  है जिसमें भविष्य में  विकास की योजना बनी है , तो इस शर्त के साथ स्वीकृति दी जाती है कि भविष्य के मास्टर प्लान के लिए काम शुरू होने पर आवेदक कुछ निर्धारित जमीन मुफ्त में प्रदान करेगा .

उदाहरण के लिए, पटना मेट्रोपॉलिटन एरिया अथॉरिटी ने भूमि विकास योजना (जो उनकी वेबसाइट में पाई गई है) को एक स्वीकृति दी है। यह मंजूरी इस शर्त के साथ दी गई है कि पटना मास्टर प्लान 2031 के तहत 80 मीटर चौड़ी सड़क आदि कार्यों के निष्पादन के लिए, डेवलपर को आवश्यक रूप से भूमि की पट्टी भेंट करनी होगी, जो 2-5 मीटर चौड़ी हो सकती है।

2.   भवन नक़्शे  की स्वीकृति

( Approval of Building Plan )

  आपके बिल्डर को निर्माण कार्य शुरू करने से पहले इस अनुमोदन की आवश्यकता होती है। यहां तक ​​कि अगर बिल्डर आपको अनुमोदित भूमि विकास योजना दिखाता है, तो भी उसे  भवन निर्माण प्रारम्भ करने  की अनुमति नहीं है,जबतक कि वो बिल्डिंग प्लान पास न करा ले .

3.  ट्रेड  लाइसेंस

यह बिल्डर को परियोजना को विकसित करने और आपको इसे बेचने के लिए अधिकृत करता है। यदि बिल्डर किसी चरण में ट्रेड लाइसेंस के बिना पाया जाता है, तो प्राधिकरण द्वारा काम  को रोके जाने पर न केवल बिल्डर बल्कि ग्राहक भी बुरी तरह प्रभावित होगा .

 

केस स्टडी

अभी जो हमने सीखा उसे आइये, एक वास्तविक प्रोजेक्ट पर आजमा कर देखते हैं

हम एक रियल एस्टेट वेबसाइट पर, उपलब्ध  निम्नलिखित प्रोजेक्ट के विज्ञापन का उदाहरण लें:

प्रोजेक्ट: मन्नत सिटी बिहटा, पटना

अपने विज्ञापन में, उन्होंने निम्नलिखित जानकारी दी:

1. RERA no BRERAP00092-2 / 94 / R-147/2018

2. निर्माणाधीन, अगस्त 2022 तक कब्जा।

इस दी हुई जानकारी के आधार पर अधिक जानकारी के लिए हम बिहार की RERA वेबसाइट (https://rera.bihar.gov.in/) पर लॉग ऑन करते हैं और होम पेज  खोलते हैं .

हम “Search Project” पर क्लिक करते है.

एक सर्च बॉक्स आता है जिसमे हम लिखते हैं  “Mannat city”

इस सर्च से हमें निम्नलिखित जानकारियाँ स्क्रीन पर मिलती हैं :

·   Name of Project: SUPER CITY BUILDERS PVT LTD MANNAT CITY PROJECT

·   Project Address: AT ANANDPUR PS BIHTA DISTRICT PATNA

·   Total Area of land ( sqm) : 77354.98

·   District: Patna

·   Project Strat Date: 2016-08-10

·   Project End date: 2022-08-10

·   Project status: Application approved

अब चूकी रेरा के रिकार्ड में फेज-३ लिखा है, हमें जमीन से सम्बंधित तथ्यों की जांच करने के लिए इस फेज ३ के वास्तविक स्थान का पता लगाना है . इसके लिए हम इस तहः आगे बढ़ते हैं :

 

Ø  “get location”पर क्लिक करें

Ø  आप नक्शे पर एक मोटा – मोटी इसके आस- पास का स्थान प्राप्त करेंगे

Ø  इसके बाद “Get Details” पर क्लिक करें

Ø  निम्नलिखित विवरण मिलेंगे:

Ø  अभी तक केवल परियोजना पंजीकरण किया गया है

Ø  ii। श्रीमती किरण देवी, मुखिया, ग्राम पंचायत, आनंदपुर द्वारा लेआउट प्लान और क्षेत्र विकास योजना को मंजूरी दी गई है।

Ø  भूमि स्वामित्व विवरण के लिए "भूमि विलेख समझौते" पर क्लिक करें

Ø  यह देखा जाएगा कि परियोजना क्षेत्र कई लोगों के स्वामित्व वाले भूखंडों से बना है।सबके डीड्स को चेक करना होगा .

Ø  चलिए  डीड 8705 को नमूने के तौर पर चेक करते हैं

Ø  डीड अपलोड किया गया है।

Ø  अब हम डीड का सत्यापन करना चाहते हैं।

Ø  हम वेबसाइट http://www.bhumijankari.gov.in/ पर जाते हैं

Ø  जांच के लिए, हमें निम्नलिखित डेटा चाहिए:

1. पंजीकरण की अवधि (3 विकल्पों में से चयनित (2005 / 2006-2015 / 2016 से पहले)

हम पाते हैं कि दस्तावेज़ 6-10- 2012 को पंजीकृत किया गया था, इसलिए हम दूसरा विकल्प चुनते हैं

2. पंजीकरण कार्यालय: दानापुर

3. सर्किल : बिहटा

4 .क्रम संख्या: 10864

Ø  इन सूचनाओं के साथ आउटपुट पूर्ण विवरण के साथ प्राप्त होता है

Ø  यह दर्शाता है कि बिल्डर द्वारा दिखाए गए भूमि हस्तांतरण दस्तावेज (डीड नंबर 8705) वास्तविक हैं। इसी प्रकार अन्य सभी डीड्स का बारी-बारी से सत्यापन किया जा सकता है।

अब हम यह जानना चाहते हैं कि श्रीमती किरण देवी, मुखिया, ग्राम पंचायत, आनंदपुर इस बात के लिए अधिकृत और सक्षम हैं  की वो लेआउट प्लान और क्षेत्र विकास योजना को मंजूरी दें?

Ø  इसके लिए, हम यह खोजने का प्रयास करते हैं कि इस मामले में सक्षम प्राधिकारी कौन है।

Ø  क्या यह नगर पंचायत क्षेत्र में आता है? सबसे नजदीक मनेर नगर पंचायत है। क्या आनंदपुर मनेर नगर पंचायत के अंतर्गत आता है, स्थानीय पूछताछ कहती है, नहीं!

Ø  चूंकि यह नगर पंचायत क्षेत्र के भीतर नहीं है, इसलिए यह ग्रामीण क्षेत्र के भीतर है। ग्रामीण क्षेत्र के लिए मंजूरी की शक्ति ग्राम पंचायत के पास होती है। इसलिए मुखिया का अनुमोदन मान्य है।

जमीन के लिए दाखिल –खारिज ( म्युटेशन) का सत्यापनऔर सर्चिंग ( खोज)

हम http://www.bhumijankari.gov.in/Admin/PartyReg/SearchByDad.nx पर लॉग ऑन करते हैं

Ø  (सीरियल नंबर द्वारा ढूँढना )

Ø  इस भूमि के लिए, सीरियल नंबर को इस तरह भरा जाता है:

Ø  सीरियल नंबर 10864

Ø  रजिस्ट्री  कार्यालय: दानापुर (2802)

Ø  वर्ष से: 2006

Ø  वर्ष के लिए: 2012

Ø  ‘व्यू ‘ पर क्लिक करें

Ø  आपको आवश्यक आउटपुट मिलेगा और म्यूटेशन दिखाई देगा।

Ø  देखने से लग रहा है ,परियोजना ठीक है!

Ø  ===  ( यह लेख मेरे आमेजन किन्डल ई - बुक  How to buy a house in India  पर आधारित था ) ===

सके पहले के लेख इसी ब्लॉग पर 
१.क्या रेडी-टू-मूव  फ्लैट खरीदना पूरी तरह से सुरक्षित है? 
२.अपना फ्लैट कैसे चुने : शहर - इलाका -बिल्डर- प्रोजेक्ट –फ्लोर –फेसिंग 


स विषय में कुछ और जानना चाहें तो कमेन्ट में लिखें . वहीं जवाब दे दिया जाएगा .



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