कोरोना से राहत कहाँ कहाँ है
आपको ये जान कर काफी खुशी होगी कि 130
करोड़ की आबादी वाले इस देश मे 9 राज्य / केशाप्र ऐसे हैं जहां कोरोना उलटे पाँव लौट रहा है और लोग वहाँ पुरानी खुशियों के दहलीज
पर खड़े हैं। आइए हम आपको उन राज्यों के नाम बताएं :
- सबसे पहले आता है छत्तीसगढ़
. यहाँ नए केस जितनी तेजी से आ
रहे है उससे ज्यादा तेजी से पुराने लोग
स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं । लगभग 3.22 करोड़ -की कुल
आबादी वाले इस राज्य मे अबतक 2134 मामले आए हैं जिनमे केवल 755 ही आज की तारीख मे ऐक्टिव है । मृत्यु का प्रतिशत बहुत कम है ।
आज तक जिन केसों का फैसला हो चुका है( यानि या तो मरीज स्वस्थ हो गए या मर गए)
उनमे बचनेवालों की संख्या 1368 है और
मरनेवालों की संख्या 11 है । यानि बीमार
लोगों मे 99 % बच जा रहे हैं और 1 प्रतिशत मर जा रहे हैं । किसी बीमारी के लिए ,जिसमे न दवा ईजाद हुई
हो न वैक्सीन विकसित हुई हो, 99% लोगों को बचा लेना वहाँ के प्रशासन , मेडिकल टीम और सबसे
ऊपर जनता के सराहनीय प्रयास को दिखाता है . साथ ही , अन्य परिस्थितियाँ जैसे मेहनती
लोग,खुली जगह, अधिक वन क्षेत्र आदि, जो सोशल डिस्टेनसिंग मे सहायक हैं , भी
इसमे अपनी भूमिका निभाती हैं ।
- दूसरा नाम आता है झारखंड
का जिसकी प्रकृति छत्तीसगढ़ से काफी मिलती- जुलती है ,मसलन आदिवासी लोग, घने वन ,विरल
आबादी ,आदि . यहाँ 11 जून को ऐक्टिव केसों का पीक यानि चरम बिन्दु पहुँचा था ।
तबसे अबतक यहाँ नए केस जितनी तेजी से आ रहे है उससे ज्यादा तेजी से पुराने लोग स्वस्थ होकर घर जा रहे है जिसके फलस्वरूप ऐक्टिव केसेज
की संख्या लगातार और तेजी से गिर रही है .लगभग 3.19 करोड़ -की कुल आबादी वाले इस
राज्य मे अबतक 2024 मामले आए है जिनमे से केवल 609 ही आज की तारीख मे ऐक्टिव है ।
मृत्यु का प्रतिशत बहुत कम है । आज तक जिन केसों का फैसला हो चुका है( यानि या
तो मरीज स्वस्थ हो गए या मर गए) उनमे 1404 बच गए हैं और 11 मरे हैं । यानि बीमार लोगों मे 99 % बच
रहे हैं और 1% मर जा रहे हैं । यहाँ भी प्रशासन , मेडिकल टीम और जनता का सराहनीय तालमेल
दिखाता है .
- तीसरा नाम आता है जम्मू – कश्मीर का, जिसके प्रकृति
भी इन राज्यों से मिलती- जुलती है
।अपने आप मे सिमटे लोग, वन ,विरल आबादी ,आदि यहाँ की खासियत हैं . यहाँ 7 जून को ऐक्टिव केसों का पीक यानि चरम बिन्दु पहुँचा था । तबसे अबतक यहाँ नए केस जितनी तेजी से आ रहे है उससे थोड़ी अधिक तेजी से पुराने लोग स्वस्थ होकर घर जा रहे है जिसके फलस्वरूप ऐक्टिव केसेज की संख्या धीरे- धीरे गिरती जा रही है .लगभग 1.25 करोड़ -की कुल आबादी वाले इस राज्य मे अबतक 5834 मामले आए है जिनमे केवल 2417 आज की तारीख मे ऐक्टिव है । आइए, मृत्यु का प्रतिशत जानते है। आज तक जिन 3417 केसों का फैसला हो चुका है, उनमे 3336 बच गए और 81 मरे हैं । यानि 100 बीमार लोगों मे 98 बच जा रहे हैं और 2 मर रहे हैं । दुर्गम स्थानों और अवरोधों के बीच इतनी कम मृत्यु की दर प्राप्त कर लेना एक बड़ी उपलब्धि है . - लक्षद्वीप समूह मे कोरोना अभी तक नहीं पहुँचा है । कारण साफ है ,संसार के
बाकी हिस्सों से कटा होना और लोगों का काम आवागमन ।
- पाँचवा नाम मेघालय का है । यह जम्मू- कश्मीर की तरह
ही प्राकृतिक सौन्दर्य और मेहनती आदिवासियों और सैलानियों से भरा एक हिल स्टेशन
है। अंतर यही है की यहाँ बाहर से आकार बसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है
. मेघालय मे ऐक्टिव केसों का पीक 10 जून को पहुँचा था । तबसे अबतक यहाँ नए केस
जितनी तेजी से आ रहे है उससे बहुत अधिक तेजी
से पुराने लोग स्वस्थ होकर घर जा रहे
है जिसके फलस्वरूप ऐक्टिव केसेज की संख्या काफी तेजी से कम होती जा रही है .लगभग 26.5 लाख
की कुल आबादी वाले इस राज्य मे अबतक केवल 43 मामले आए है जिनमे केवल 10 आज की
तारीख में ऐक्टिव है । मृत्यु केवल एक व्यक्ति की हुई है । कुल 43 केसों मे से आज तक जिन 33 केसों
का फैसला हो चुका है उनमे 32 रोगी जीवित बच गए हैं शिलांग
मे घनी आबादी और घूमने फिरने वाले लोगों के बावजूद केवल 43 केसेस का होना और केवल
एक मृत्यु होना यह दर्शाता है की लोग कितने सजग हैं, कितने मजबूत हैं, प्रशासन और अस्पताल कितने
सक्षम है .
- अबतक हम छोटे राज्यों
की बात कर रहे थे .अगला नाम है एक बड़े राज्य मध्य प्रदेश का । इंदौर , भोपाल और उज्जैन
मे कोरोना के भारी प्रकोप के बावजूद अगर
पूरे मध्य प्रदेश का एक राज्य के स्तर
पर आकलन करें तो स्थिति काफी बेहतर है और लगातार सुधर रही
है । लगभग 7.33 करोड़ की विशाल आबादी लिए इस राज्य में, जो कि क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का दूसरा बड़ा राज्य
है , 30 % का विशाल हिस्सा वन आच्छादित है और जन संख्या का घनत्व 240 व्यक्ति प्रति वर्ग
किलोमीटर है जो भारत के जन संख्या का घनत्व (382) की तुलना मे काफी कम है. अतः चंद भीड़- भाड़ वाले
शहरों को छोड़ दें तो यहाँ सोशल डिस्टेनसिंग के लिए अनुकूल माहौल है । कोरोना के
आँकड़े देखें तो यहाँ ऐक्टिव केसेज की
संख्या का पीक 31 मई को 3104 आया था । तबसे धीमी गति से घटता हुआ अभी यह 2343
तक आ गया है जो कुल केसेस की संख्या 11724 की तुलना मे काफी कम है .जहां तक कोविड
-19 महामारी मे मरने और बचने वालों का
प्रश्न है , कुल फाइनल 9381 मामलों में 8880 रोगी जीवित बचे हैं और 501 मरे है।
अतः 100 लोगों मे 95 बच रहे हैं और 5 मर रहे है । इतने बड़े राज्य मे बिना वैक्सीन
और बिना आविष्कृत दवा के ,ये प्रतिशत भी काफी राहत देनेवाला है .
- अब बात करेंगे नागालैंड
की । यहाँ भी आदिवासी मेहनती
लोग , खुली जगह , हिल स्टेशन और कम आवागमन की स्थिति है। यहाँ 9 जून को ऐक्टिव
केसों का पीक पहुँचा था । तबसे अबतक यहाँ नए केस जितनी तेजी से आ रहे है उससे
बहुत अधिक तेजी
से पुराने लोग स्वस्थ होकर घर जा रहे
है जिसके फलस्वरूप ऐक्टिव केसेस की संख्या तेजी से घट रही है .लगभग 23 लाख -की कुल आबादी वाले इस राज्य मे सिर्फ 201 मामले आए है जिनमे सिर्फ 63 आज की तारीख मे ऐक्टिव है । मृत्यु का एक भी मामला नहीं आया
है जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है । । यानि
बीमार लोगों मे 100 % जीवित बच जा रहे हैं ।
- इसके बाद बात करते है
देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान की . यहाँ
कोविड -19 से निजात पा चुके लोगों की संख्या अद्भुत है । अबतक के कुल 14537 केसेस
मे 11274 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं । मरनेवालों की संख्या 337 है । इसका
अर्थ ये हुआ की कुल फाइनल मामलों मे 97%
बच रहे हैं और 3% जीवित बच रहे है । सबसे
बड़े राज्य में ये प्रतिशत काफी उत्साहवर्धक
है .ऐक्टिव केसेज का पीक यहाँ 27 मई को
आया था जब यहाँ 3081 ऐक्टिव मामले थे
। तबसे अबतक बीमार लोग तेजी से ठीक होते आ रहे है और ऐक्टिव केसेज की संख्या नए केसेज आते रहने के बावजूद धीरे धीरे लेकिन लगातार
घटकर अब 2926 पर आ गई है। हालांकि ये तेजी से नहीं गिर रही है फिर भी स्वस्थ हो
रहे लोगों का उच्च प्रतिशत हमे काफी राहत देता है .
- अगला नाम है त्रिपुरा का । नार्थ ईस्ट के इस राज्य की आबादी करीब 37 लाख है । यहाँ
कोरोना को सबसे मजबूती से पछाड़ा गया है , जो प्रशासन , डॉक्टर और लोगों की तत्परता को बताता है । यहाँ कोविड
-19 के, 1 मई 2020 तक केवल 2 केस थे जो 31 मई तक धीरे- धीरे बढ़कर
316 पर पहुचे .उसके बाद केसेस की संख्या मे उछाल आया और 20 दिनों के अंदर 3.5
गुना बढ़ कर इनकी संख्या 1046 पर पहुँच
गई । पर वहाँ का प्रशासन, डॉक्टर और लोग
भी कम नहीं थे । सबने मिलकर प्रयास किया और 9 जून के बाद लोग बहुत तेजी से ठीक
होकर घर जाने लगे। नतीजा ये हुआ की ऐक्टिव केसेस का पीक 13 जून को आया (730) और उसके बाद
ग्राफ जैसे धड़ाम से गिर गया । 7 दिनों के बाद आज केवल 508 ऐक्टिव केस बचे हैं और केवल 1 मौत हुई है। प्रतिशत
की बात करें तो 99.8%मरीज जीवित बच गए हैं । यह विवरण ये
बताता है कि अगर हम ठान लें तो कोरोना की हमारे सामने कोई औकात नहीं
।
ये तो हुई उन 9 राज्यों की कहानी जो कोरोना को
खदेड़ रहे है और कोरोना का वापस भागना दिख रहा है । बहुत जल्दी और भी राज्यों से ऐसी
ही खबरे मिलने वाली हैं । उनके नाम अभी से बता देता हूँ : ये राज्य है असम , बिहार,
कर्नाटक , केरल , महाराष्ट्र ,ओडिशा और उत्तराखंड ।
अगर आपका राज्य इस लिस्ट मे नहीं है तो प्रयास
आप को करना है.अगर आपका राज्य इस लिस्ट मे
है तो भी उसे बनाए रखने के लिए प्रयास जारी
रखना है .
ये प्रयास बहुत सरल हैं .
Ø 2 गज की दूरी और
हाथों को साबुन से धोना है ।
Ø बीमारी को छुपाना
नहीं है ।
Ø सप्ताह मे सिर्फ
एक दिन बाजार जाना है । वो भी संडे को नहीं ।
Ø सिर्फ नजदीक के बाजार
में ही जाना है ।
Ø इन सबके बीच अपना
काम करते रहिए और स्वस्थ रहिए ।
Ø भरोसा रखिए कोरोना
हारेगा –देश जीतेगा !
Analysis me zero ho aur Fekuslovakiya Ganrajya ke nagrik pratit hote ho. 5 %se jyada death rate wale MP ko korona bhagane wala bata rahe ho aur Bihar jaise rajya ki yaad nahi aati hai. Shrivastava ji blog likhna chhod do
ReplyDeleteसभी फैक्ट्स covid19india.org ke graph se verify kar sakte hain.Madhya Pradesh select Karen aur active cases ka graph dekhen.wahi trend dikhega jo yaha likha hai
Deleteइस ब्लॉग में लिखे गए सभी तथ्य covid19india.org से verify हो सकते है।ईस वेबसाइट पर जाकर जहां विभिन्न ग्राफ बने हैं वह मध्य प्रदेश चुनें।4 ग्राफ आएंगे एक Total cases का दूसरा एक्टिव केसेस का और तीसरा recovered cases का और चौथा deceased यानी मृत्यु का।इसमें active cases वाले ग्राफ को देखे और जो मैंने लिखा है उससे compare करें।अगर आप न कर पाए तो मुझे मौका दें मै उस ग्राफ का screenshot पोस्ट कर दूंगा। प्रतिक्रिया के लिए आभार🙏
ReplyDeleteGood analysis. Please review your findings on weekly basis for updated information to viewers.
ReplyDeleteThanks Sudhanshu Ji.I have been doing this exercise periodically on whatsapp .But since posts are lost in crowd I decided to write them serially in one place.Weekly or fortnightly as per available time and situation🙏🙏
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