नेपाल ये पढ़ ले तो चीन से तौबा कर ले
भारत का भाईचारा छोड़ कर चीन के चरणों में जाने के नेपाल के इस चकित करनेवाले चरित्र की चर्चा चीन के चौतरफा चालाकी से चालू करनी होगी. जब भारत ने अपनी कुशल विदेश नीति से विश्व के ताकतवर देशों , जैसे चीन के प्रतिद्वंदी अमेरिका ,जापान ,वियतनाम, फिलिपिन्स , सामरिक दृष्टि से संपन्न देशों जैसे फ़्रांस और इजराइल और थोड़े दूर के पड़ोसी देशो ,ईरान और अफगानिस्तान को अपने साथ किया तो उसके जवाब में घाघ चीन ने ,कमजोर ही सही, लेकिन भारत की सीमा से चिपके देशों पाकिस्तान ,बांग्लादेश और नेपाल और श्रीलंका को अपने साथ कर लिया। आप ये तर्क दे सकते हैं कि ये सभी तो ले - देकर चीन पर ही आश्रित है और चीन से जब हम पंगा ले ही चुके हैं तो इनके होने और न होने से फर्क क्या पड़ता है। फर्क पड़ता है।इसे इस तरह समझें.. आप चाय पी रहे हों और आप के एक किलोमीटर दूर से अगर शेर दहाड़ने की आवाज आए तो आप आराम से चाय की प्याली ख़तम कर सकते हैं । पर उसी समय कान के पास गर्दन...